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|रचनाकार=संतोष अलेक्स
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}}
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<poem>
कल जिस लड़की के साथ
बलात्कार हुआ
वह शाम को वाइलिन बजा रही थी
उसे अपने पक्ष में कुछ कहना नहीं था
जाँच पड़ताल से पता चला कि
बलात्कार पुरूषों की टोली का हुआ
नदी तट पर पाए निशान
रति में लिप्त जानवरों के थे
तहकीकात के बाद
नदी पार कर उनके लौटने पर
चांद व तारों ने उगने से इन्कार कर दिया
</poem>
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कल जिस लड़की के साथ
बलात्कार हुआ
वह शाम को वाइलिन बजा रही थी
उसे अपने पक्ष में कुछ कहना नहीं था
जाँच पड़ताल से पता चला कि
बलात्कार पुरूषों की टोली का हुआ
नदी तट पर पाए निशान
रति में लिप्त जानवरों के थे
तहकीकात के बाद
नदी पार कर उनके लौटने पर
चांद व तारों ने उगने से इन्कार कर दिया
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