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नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=सविता सिंह |संग्रह=अपने जैसा जीवन / सविता सिंह }} <p...
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=सविता सिंह
|संग्रह=अपने जैसा जीवन / सविता सिंह
}}
<poem>
अन्यमनस्क पीली पड़ चुकी जिज्ञासा से ढंकी
मेपल के पत्तोंवाली जैसे कोई डाल हूं
जिससे लगकर हवा गुजरती है
जिसपर आसमान अपना थोड़ा नीला रंग
टपकाता है
जिस पर सूरज अपनी सबसे कमजोर किरण
फेंकता है
अन्यमनस्क फिर भी
मेरा मन बर्फ के गिरने का इंतजार करता है
बर्फ सभी कुछ ढंक देती है
पाप दुख शाप
छोटी मोटी बेचैनियां
सुख में चमकने वाले हीरे जैसे
एक दो क्षण
वह ढंक देती है
गिलहरियों के दृदय में व्याप्त यह डर
कि उन्हें कोई हर लेगा
अन्यमनस्क
बार-बार क्यों चाहती हूं वही
जो मुझे उदास करे
ढंक ले
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|रचनाकार=सविता सिंह
|संग्रह=अपने जैसा जीवन / सविता सिंह
}}
<poem>
अन्यमनस्क पीली पड़ चुकी जिज्ञासा से ढंकी
मेपल के पत्तोंवाली जैसे कोई डाल हूं
जिससे लगकर हवा गुजरती है
जिसपर आसमान अपना थोड़ा नीला रंग
टपकाता है
जिस पर सूरज अपनी सबसे कमजोर किरण
फेंकता है
अन्यमनस्क फिर भी
मेरा मन बर्फ के गिरने का इंतजार करता है
बर्फ सभी कुछ ढंक देती है
पाप दुख शाप
छोटी मोटी बेचैनियां
सुख में चमकने वाले हीरे जैसे
एक दो क्षण
वह ढंक देती है
गिलहरियों के दृदय में व्याप्त यह डर
कि उन्हें कोई हर लेगा
अन्यमनस्क
बार-बार क्यों चाहती हूं वही
जो मुझे उदास करे
ढंक ले
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