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नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna | रचनाकार= ज्ञान प्रकाश विवेक }} [[Category:ग़ज़ल]] <poem> वो मेरे जि...
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{{KKRachna
| रचनाकार= ज्ञान प्रकाश विवेक
}}
[[Category:ग़ज़ल]]
<poem>
वो मेरे जिस्म के अन्दर है ज़लज़लों की तरह
मैं बदहवास-सा फिरता हूँ पागलों की तरह
तू आसमान में यूँ छोड़ के न जा मुझको
पते बदलते रहूँगा मैं बादलों की तरह
उठा सके तो ज़रा हाथ पे उठा मुझको
कि मैं तो रहता हूँ पानी पे बादलों की तरह
अगर ये शहरे-मुहब्बत है तो बता मुझको
हमारे बीच है ये कौन फ़ासलों की तरह
फ़क़ीर होते हैं बेखौफ़, तन्हा रहते हैं,
ज़मानासाज़ ही चलते है क़ाफ़िलों की तरह
</poem>
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| रचनाकार= ज्ञान प्रकाश विवेक
}}
[[Category:ग़ज़ल]]
<poem>
वो मेरे जिस्म के अन्दर है ज़लज़लों की तरह
मैं बदहवास-सा फिरता हूँ पागलों की तरह
तू आसमान में यूँ छोड़ के न जा मुझको
पते बदलते रहूँगा मैं बादलों की तरह
उठा सके तो ज़रा हाथ पे उठा मुझको
कि मैं तो रहता हूँ पानी पे बादलों की तरह
अगर ये शहरे-मुहब्बत है तो बता मुझको
हमारे बीच है ये कौन फ़ासलों की तरह
फ़क़ीर होते हैं बेखौफ़, तन्हा रहते हैं,
ज़मानासाज़ ही चलते है क़ाफ़िलों की तरह
</poem>