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Kavita Kosh से
मैं छूकर देखता हूँ उसके गालों को अपने हाथ से
और याचना करता हूँ आँखों ही आँखों में उससे
कि मुझे बताये बताए क्या मैं जीवित हूँ अब भी
'''अँग्रेज़ी से अनुवाद – राजेश चन्द्र'''
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