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2021 में बांग्ला साहित्य का एक युग का अचानक अन्त हो गया । कोरोना महामारी एक मूर्धन्य साहित्यकार को निगल गई। वे बांग्ला साहित्य में एक नक्षत्र की तरह थे, जिसके टूटने से पूरी बांग्ला साहित्य बिरादरी सकते में है ।