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लपट / आदम ज़गायेवस्की

6 bytes added, 16:27, 24 अक्टूबर 2022
<poem>
हे ईश्वर, हमें लम्बी सर्दियाँ दो
और शान्त संगीत, और धैर्यवान मुखचेहरा
और थोड़ा-सा गौरव दो
इससे पहले कि हमारा युग ख़त्म हो जाए ।
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