भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
बनकर निर्झर
अँधियारो में बहना ।
-0-'''(15-8-89: तिब्बत बुलेटिन-जनवरी-90, साहित्याकाश जुलाई-90, उजाला-अक्तुब्र अक्तुबर 90)'''
</poem>