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{{KKRachna
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दूऽऽऽर,
आख़िर कितना दूर है ?

वहाँ
पहुँचने के
कितने रास्ते हैं ?

हम चलते हैं,
चलते जाते हैं
मायनों की तरफ़
पर कभी नहीं पहुँचते..!

''' अँग्रेज़ी से अनुवाद : दुष्यन्त'''
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