भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=आदम ज़गायेवस्की |अनुवादक=उदयप्र...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=आदम ज़गायेवस्की
|अनुवादक=उदयप्रकाश
|संग्रह=
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
शायद मैं
एक साधारण मध्यवर्गीय व्यक्ति हूँ
व्यक्ति के अधिकारों पर विश्वास रखने वाला,
यह शब्द 'आज़ादी'
मेरे लिए बिल्कुल सरल और साधारण है
इसका मतलब किसी ख़ास वर्ग की आज़ादी नहीं
मैं, राजनीतिक तौर पर अधकचरा, नासमझ,
मामूली औसत शिक्षा प्राप्त
(साफ समझ के छोटे-मोटे एकाध पल ही इसकी खुराक हैं),
मुझे याद है
उस आग के आकर्षण की,
जो अनगिनत प्यासे लोगों के होठों को
एक दिन झुलसा देती है
और तमाम किताबें जला डालती है
और जो शहरों की त्वचा को भून डालती है ......
मैं उसी आग के गीत गाया करता था
और मैं जानता हूँ कि दूसरे
दूसरे अनगिनत लोगों के साथ भागना और चलना
कितना महान होता है,
बाद में,
अपने आप,
अपने मुँह में भरी राख के स्वाद के साथ
मैंने झूठ की विडम्बना भरी डरावनी आवाज़ें सुनीं
और वह गीत गाने वालों का रोना सुना
और फिर जब मैंने
अपने माथे को छुआ तो महसूस कर सका
अपने प्यारे देश की मेहराबदार कटावदार खोपड़ी
और इसके दुखते तीखे किनारे ।
'''अँग्रेज़ी से अनुवाद : उदयप्रकाश'''
</poem>
{{KKRachna
|रचनाकार=आदम ज़गायेवस्की
|अनुवादक=उदयप्रकाश
|संग्रह=
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
शायद मैं
एक साधारण मध्यवर्गीय व्यक्ति हूँ
व्यक्ति के अधिकारों पर विश्वास रखने वाला,
यह शब्द 'आज़ादी'
मेरे लिए बिल्कुल सरल और साधारण है
इसका मतलब किसी ख़ास वर्ग की आज़ादी नहीं
मैं, राजनीतिक तौर पर अधकचरा, नासमझ,
मामूली औसत शिक्षा प्राप्त
(साफ समझ के छोटे-मोटे एकाध पल ही इसकी खुराक हैं),
मुझे याद है
उस आग के आकर्षण की,
जो अनगिनत प्यासे लोगों के होठों को
एक दिन झुलसा देती है
और तमाम किताबें जला डालती है
और जो शहरों की त्वचा को भून डालती है ......
मैं उसी आग के गीत गाया करता था
और मैं जानता हूँ कि दूसरे
दूसरे अनगिनत लोगों के साथ भागना और चलना
कितना महान होता है,
बाद में,
अपने आप,
अपने मुँह में भरी राख के स्वाद के साथ
मैंने झूठ की विडम्बना भरी डरावनी आवाज़ें सुनीं
और वह गीत गाने वालों का रोना सुना
और फिर जब मैंने
अपने माथे को छुआ तो महसूस कर सका
अपने प्यारे देश की मेहराबदार कटावदार खोपड़ी
और इसके दुखते तीखे किनारे ।
'''अँग्रेज़ी से अनुवाद : उदयप्रकाश'''
</poem>