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{{KKRachna
|रचनाकार=रुचि बहुगुणा उनियाल
|अनुवादक=
|संग्रह=
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
(एक)
जिनके पास था
बेटियों का प्यार
उन पिताओं ने
प्रेम कविताओं से भी
अच्छा प्रेम लिखा ।
(दो)
जिन पिताओं ने
विदा की बेटियाँ ब्याह के
उन्होंने विरह को किया
जीवंत अपनी कविताओं में।
(तीन)
बेटियों का ख़याल रखते हुए
दुनिया के पिताओं ने
जीया अपने अंदर
एक माँ की ममता को।
(चार)
बेटियों के पिताओं ने
कविता का समीकरण
और कविता का व्याकरण
न समझते हुए भी
लिखीं दुनिया की
सबसे अच्छी कविताएँ। </poem>
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|संग्रह=
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(एक)
जिनके पास था
बेटियों का प्यार
उन पिताओं ने
प्रेम कविताओं से भी
अच्छा प्रेम लिखा ।
(दो)
जिन पिताओं ने
विदा की बेटियाँ ब्याह के
उन्होंने विरह को किया
जीवंत अपनी कविताओं में।
(तीन)
बेटियों का ख़याल रखते हुए
दुनिया के पिताओं ने
जीया अपने अंदर
एक माँ की ममता को।
(चार)
बेटियों के पिताओं ने
कविता का समीकरण
और कविता का व्याकरण
न समझते हुए भी
लिखीं दुनिया की
सबसे अच्छी कविताएँ। </poem>