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मैं तूफ़ानों मे चलने का आदी हूं / गोपालदास "नीरज"
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12:00, 5 मई 2023
तुम मत मेरी मंज़िल आसान करो
हैं फूल रोकते,
काटें
कांटे
मुझे चलाते
मरुस्थल, पहाड़ चलने की चाह बढ़ाते
सच कहता हूँ जब मुश्किलें ना होती हैं
Arti Singh
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