भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=कमल जीत चौधरी |अनुवादक= |संग्रह= }} {{K...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=कमल जीत चौधरी
|अनुवादक=
|संग्रह=
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
बेटा सो जाओ ।
नईं नईं*
पहले मुझे कंगारूवाली कहानी सुनाओ ।


एक छोटा कंगारू होता है
उसकी टक पाप्पी उसे बहुत प्यार करती है
कंगारू पीले ऑटो में बैठकर स्कूल जाता है
उसकी ममा साथ नहीं जाती
वह अकेले ही जाता है ।

उसके पास एक बैग, छाता और टिफ़िन होता है
वह अपने दोस्त के साथ खाना खाता है
उसकी टीचर उसे बहुत लाडू* करती है
वह अपनी ममा* और मैम* की सारी बातें मानता है
किसी को तंग भी नहीं करता है
वह रात को जल्दी सो जाता है ।
...
ममा ममा ... ममा जी,
हिरन वाली कहानी सुनाओ ।
हिरण सो गया है ।

तो भालू वाली कहानी सुनाओ ।
वह भी सो गया है ।

अच्छा फिर
खरगोश वाली कहानी सुनाओ ।
सो जा चुप करके
खरगोश भी सो गया है —

ममा जी खाइश* हो रही है ...


'''शब्दार्थ'''
नईं नईं* - नहीं नहीं
लाडू* - प्यार
ममा*- माँ
मैम*- शिक्षिका
खाइश* - ख़ारिश
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,345
edits