भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=बैर्तोल्त ब्रेष्त |अनुवादक=मोहन...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=बैर्तोल्त ब्रेष्त
|अनुवादक=मोहन थपलियाल
|संग्रह=इकहत्तर कविताएँ और तीस छोटी कहानियाँ / बैर्तोल्त ब्रेष्त / मोहन थपलियाल
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
कल रात स्वप्न में
मैंने एक
भयँकर तूफ़ान देखा
एक पाड़ भी
उसकी चपेट में आया
सारी सलाखें उखड़ गईं
जो सख़्त लोहे की थीं
लेकिन
जो कुछ
लकड़ी का था
वह झुका और कायम रहा।
(1953)
'''मूल जर्मन भाषा से अनुवाद : मोहन थपलियाल'''
</poem>
{{KKRachna
|रचनाकार=बैर्तोल्त ब्रेष्त
|अनुवादक=मोहन थपलियाल
|संग्रह=इकहत्तर कविताएँ और तीस छोटी कहानियाँ / बैर्तोल्त ब्रेष्त / मोहन थपलियाल
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
कल रात स्वप्न में
मैंने एक
भयँकर तूफ़ान देखा
एक पाड़ भी
उसकी चपेट में आया
सारी सलाखें उखड़ गईं
जो सख़्त लोहे की थीं
लेकिन
जो कुछ
लकड़ी का था
वह झुका और कायम रहा।
(1953)
'''मूल जर्मन भाषा से अनुवाद : मोहन थपलियाल'''
</poem>