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'''मरीना स्विताएवा की स्मृति में'''
कुछ मूल्य होते हैं, जो बदलते नहीं
कहाँ हैं वे हाथ जिन्हें चूमा नहीं गया
कुछ लोग हैं जो प्यार करते हैं,
लेकिन कहीं खो गए हैं,
कि उन्हें चुराया जा चुका है ।
 
ख़तरा ख़ामोश है, लेकिन शोर मचा रही है जीत
महारानियाँ हैं, लेकिन लिए हैं ज़ोलुश्का का डर
एक दुनिया भी है, कब तक सराहते रहोगे उसे,
सीपी, झूठ और सोने के भीतर की दुनिया ।
 
बहुत हैं पराजयों के सेनापति,
बहुत हैं असफलताओं के शिक्षक भी,
पवित्र त्याग का व्याभिचार भी है
और वहशियों की पवित्रता भी ।
 
नशा न करनेवाले नशे में डूबे हैं
नशेड़ियों की भीड़ है यह, नशा नहीं करती ।
 
रंक मालिक हैं महलों के
और जिन्हें नीचे होना चाहिए था, बैठे हैं ऊपर ।
झूठे साँचे में ढली सच्चाई भी है
ख्याति के आँसुओं में झूठ छिपा है।
 
अनाथ है पावन माँ
और शैतान लिए हो गले में जयमाल ।
'''मूल रूसी से अनुवाद : वरयाम सिंह'''
Разврат святого отрешенья
и святость разного Зверья.
 
есть спившиеся в мире трезвенники,
непьющие — такая пьянь.
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