भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=कमला दास |अनुवादक=रंजना मिश्रा |स...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=कमला दास
|अनुवादक=रंजना मिश्रा
|संग्रह=
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
एक मर्द से ख़ुद को प्यार करवाना आसान है
सिर्फ़ अपनी स्त्रियोचित इच्छाओं के बारे ईमानदार हो जाओ
आईने के सामने उसके साथ नग्न खड़ी रहो
ताकि वह ख़ुद को अधिक ताक़तवर देख सके और इसपर विश्वास करे
और तुम्हें अधिक कोमल, युवा और प्यारी देख पाए
अपनी प्रशंसा स्वीकार करो

उसके अंगों की सुगढ़ता पर ध्यान दो, झरने के नीचे उसकी लालिमा
युक्त आँखें, बाथरूम के फ़र्श पर उसकी लजीली चाल, गिरते तौलिये
और पेशाब के बाद उसका हलके से झटकना
वे सारी तफ़सीलें, जो उसे मर्द, तुम्हारा इकलौता मर्द बनाती हैं
उसे सबकुछ दो
वह सब कुछ जो तुम्हें औरत बनाता है

लम्बे बालों की सुगन्ध, स्तनों के बीच के पसीने की कस्तूरी गन्ध
माहवारी के गर्म ख़ून का अचम्भा और तुम्हारी
अन्तहीन स्त्रियोचित भूख

ओह हाँ, एक मर्द से ख़ुद को प्यार करवाना आसान है
पर उसके बाद उसके बिना जीना स्वीकार करना होता है
जीवन विहीन जीवन,

जब तुम भटकती हो, अजनबियों से मिलते हुए,
अपनी उन आँखों के साथ जिनमें कोई तलाश नहीं
उन कानों के साथ, जिन्होंने उसे आख़िरी बार तुम्हारा नाम पुकारते सुना
और उस शरीर के साथ, जो कभी उसकी छुअन तले पीतल सा
दमकता था

जो अब
बेजान
और मोहताज़ है

'''अँग्रेज़ी से अनुवाद : रंजना मिश्र'''
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,616
edits