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* [[कदम-कदम पे दोस्तो यहाँ पे ख़तरा है / डी. एम. मिश्र]]
* [[ग़रीबी से बढ़कर सज़ा ही नहीं है / डी. एम. मिश्र]]
* [[हमें मुमराह करके क्या पता वो कम कब निकल जाये / डी .एम. मिश्र]]
* [[हम कब तक उसको माफ़ करें अब आर पार हो जाने दो / डी. एम. मिश्र]]
* [[बोलने से लोग घबराने लगे / डी. एम. मिश्र]]