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हड़ताल जारी है / प्रदीप शर्मा

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हड़ताल जारी है
(संदर्भ: मेडिकल छात्रों की देशव्यापी हड़ताल, मई 2006)

इन्साफ मिले हम सबको,
यह ही मांग हमारी है,
हड़ताल जारी है, हड़ताल जारी है।
जुल्म से लड़ने की कर ली,
पूरी तैयारी है।
हड़ताल जारी है, हड़ताल जारी है।

वोटों के भूखे ये मन्त्री हैं,
बर्बर वहशी ये सन्तरी हैं,
पर झुका न पाये कोई हमें,
जो अत्याचारी है।
हड़ताल जारी है, हड़ताल जारी है।

अब सारे देश में एका है,
यह ज़ुल्म सभी ने देखा है,
बाँट रहे ये नेता हमको,
बारी–बारी है।
हड़ताल जारी है, हड़ताल जारी है।

यह देश हमारा अपना है,
मंज़ूर आग में तपना है,
इस देश के कल के लिये,
हमारी जिम्मेदारी है।
हड़ताल जारी है, हड़ताल जारी है।
</poem>