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{{KKRachna
|रचनाकार=कानेको मिसुजु
|अनुवादक=तोमोको किकुची
|संग्रह=
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
’कत्सुन कत्सुन’
मिट्टी खोदी जाती है,
वह अच्छा खेत बन जाएगी
गेहूँ की अच्छी फ़सल देगी ।
सुबह से शाम तक
मिट्टी दबती रहती है,
एक अच्छी सड़क बन जाएगी
उस पर गाड़ी चलेगी ।
मिट्टी जो नहीं खोदी जाती
मिट्टी जो नहीं दबाई जाती
क्या वह बेकार मिट्टी है ?
नहीं, नहीं, वह
अनजान घास के लिए
सराय बन जाएगी ।
शब्दार्थ :
कत्सुन कत्सुन = मिट्टी की ख़ुदाई करते वक़्त पैदा होने वाला संगीत।
'''मूल जापानी से अनुवाद : तोमोको किकुची'''
</poem>
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|अनुवादक=तोमोको किकुची
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’कत्सुन कत्सुन’
मिट्टी खोदी जाती है,
वह अच्छा खेत बन जाएगी
गेहूँ की अच्छी फ़सल देगी ।
सुबह से शाम तक
मिट्टी दबती रहती है,
एक अच्छी सड़क बन जाएगी
उस पर गाड़ी चलेगी ।
मिट्टी जो नहीं खोदी जाती
मिट्टी जो नहीं दबाई जाती
क्या वह बेकार मिट्टी है ?
नहीं, नहीं, वह
अनजान घास के लिए
सराय बन जाएगी ।
शब्दार्थ :
कत्सुन कत्सुन = मिट्टी की ख़ुदाई करते वक़्त पैदा होने वाला संगीत।
'''मूल जापानी से अनुवाद : तोमोको किकुची'''
</poem>