भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=हरीशचन्द्र पाण्डे |अनुवादक= |संग...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=हरीशचन्द्र पाण्डे
|अनुवादक=
|संग्रह=
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
'''(गुलजार का एक साक्षात्कार देखते हुए)'''
बात फ़िल्मों से होते हुए राजनीति पर आ गई थी
राजनीति के भी कई दौर आए-गए
और कई नाम भी
गाँधी भी एक नाम था
बोलते ही गाँधी दोनों हाथ कानों को स्पर्श करने लगे
बात राजनीति की ही चल रही थी संगीत की नहीं
चलो, अभी सब कुछ ख़त्म नहीं हुआ है
संगीत की ऊँचाइयों तक पहुँचाया जा सकता है राजनीति को भी
बस, उस्ताद चाहिए ।
</poem>
{{KKRachna
|रचनाकार=हरीशचन्द्र पाण्डे
|अनुवादक=
|संग्रह=
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
'''(गुलजार का एक साक्षात्कार देखते हुए)'''
बात फ़िल्मों से होते हुए राजनीति पर आ गई थी
राजनीति के भी कई दौर आए-गए
और कई नाम भी
गाँधी भी एक नाम था
बोलते ही गाँधी दोनों हाथ कानों को स्पर्श करने लगे
बात राजनीति की ही चल रही थी संगीत की नहीं
चलो, अभी सब कुछ ख़त्म नहीं हुआ है
संगीत की ऊँचाइयों तक पहुँचाया जा सकता है राजनीति को भी
बस, उस्ताद चाहिए ।
</poem>