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वो सफल हो गये।
जिंदगी ज़िंदगी थी जुआ,
हम रमल हो गये।
टालते -टालते,
वो अटल हो गये।
सब सबल हो गये।
जो गिरे घुसे कीच में,
वो कमल हो गये।
बेदखल हो गये।
देखकर देख कर आइना,
वो बगल हो गये।
</poem>
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