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* [[आंखों आँखों में खुशनुमा ख़ुशनुमा कई मंजर मंज़र लिए हुए / बसंत देशमुख]]
* [[अपनी अलग चिन्हारी रख / बसंत देशमुख]]
* [[कस्बे सभी अब शहर हो गए हैं / बसंत देशमुख]]
* [[देखकर माहौल घबराए हुए हैं / बसंत देशमुख]]
* [[शाखे-नाज़ुक पे आशियाना है / बसंत देशमुख]]