भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=विनय सौरभ |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCatKavita...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=विनय सौरभ
|अनुवादक=
|संग्रह=
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
कोई मीठी सी पुलक जागती है
साइकिल के दिन पीछा करते हैं
एक पञ्चर बनाने वाले का चेहरा
साथ चलता आता है

स्कूल में गुलमोहर के नीचे खड़ी
सैकड़ों साइकिलों की याद तो
होगी तुम्हें !
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,693
edits