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आँखों में ख़ुशनुमा कई मंज़र लिए हुए<br />कैसे हैं लोग गाँव से शहर गए हुए<br />
सीने में लिए पर्वतो से हौसले बुलंद<br />गहराइयों में दिल की समुन्दर लिए हुए<br />
बदहाल बस्तियों के हालात पूछने<br />आया है इक तूफ़ान बवंडर लिए हुए<br />
बिल्लियों के बीच न बँट पाए रोटियाँ<br />ऐसे ही फैसले सभी बन्दर किए हुए<br />
इस राह की तक़दीर में लिखी है तबाही<br />इस राह में रहबर खड़े खंजर लिए हुए<br />
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