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{{KKRachna
|रचनाकार=नेहा नरुका
|अनुवादक=
|संग्रह=
}}
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<poem>
जो तुमसे ये कहे कि वो कभी तुम्हें नहीं रुलाएगा
वही सबसे ज़्यादा तुम्हें रुला सकता है
जो तुमसे ये कहे कि वो कभी तुमसे नहीं ऊबेगा
वही सबसे पहले तुमसे ऊब सकता है
जो तुमसे ये कहे कि वो जीवनभर तुम्हारा साथ देगा
वही तुम्हें मझधार में छोड़कर जा सकता है
जो तुमसे ये कहे कि तुमसे बेहतर कुछ नहीं
वही तुम्हें एक दिन सबसे बेकार सिद्ध कर सकता है
ये दुनिया ऐसी ही है
यहाँ कुछ भी सम्भव है
</poem>
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जो तुमसे ये कहे कि वो कभी तुम्हें नहीं रुलाएगा
वही सबसे ज़्यादा तुम्हें रुला सकता है
जो तुमसे ये कहे कि वो कभी तुमसे नहीं ऊबेगा
वही सबसे पहले तुमसे ऊब सकता है
जो तुमसे ये कहे कि वो जीवनभर तुम्हारा साथ देगा
वही तुम्हें मझधार में छोड़कर जा सकता है
जो तुमसे ये कहे कि तुमसे बेहतर कुछ नहीं
वही तुम्हें एक दिन सबसे बेकार सिद्ध कर सकता है
ये दुनिया ऐसी ही है
यहाँ कुछ भी सम्भव है
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