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डॉ. सुनील कुमार शर्मा विभिन्न साहित्यिक-सामाजिक संगठनों से सक्रिय रूप से जुड़े हैं और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रयासरत हैं। डॉ. शर्मा की अब तक चार पुस्तकें क्रमश: काव्य संग्रह 'हद या अनहद' (वर्ष 2022) , उद्योग जगत पर हिन्दी में लिखी बहुचर्चित किताब 'उद्योग 4.0' (वर्ष 2023) , 'आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस: एक अध्ययन' व 'चैटजीपीटी: एक अध्ययन' (वर्ष 2024) में प्रकाशित हो चुकी हैं। नाटक की पहली किताब 'बस ढाई आखर' भारतीय ज्ञानपीठ से प्रकाशनाधीन है। डॉ. शर्मा की शोध रुचि जोखिम विश्लेषण और प्रबंधन, बेहतर परियोजना प्रशासन, डिजिटल परिवर्तन और तकनीकी विकास के मानवीकरण पर केंद्रित है। उन्होंने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पत्रिकाओं और सम्मेलनों के शोध पत्रों में योगदान दिया है। महत्त्वपूर्ण शोध पत्रों के साथ-साथ उनकी कविताएँ और लेख भी राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पत्रिकाओं, पुस्तकों और प्रमुख समाचार पत्रों में प्रकाशित हुए हैं। डॉ. शर्मा ने रिस्क एनालिसिस के क्षेत्र में जादवपुर विश्वविद्यालय से पीएचडी एवं आईआईटी दिल्ली से औद्योगिक इंजीनियरिंग में एम.टेक की डिग्री प्राप्त की।
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