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{{KKRachna
|रचनाकार=लीलाधर मंडलोई
|संग्रह=
}}

<Poem>
मेरे पास यह दिन है इत्यादि की तरह
मेरे पास यह रोटी है इत्यादि की तरह
मेरे पास यह दोस्त है इत्यादि की तरह
मेरे पास यह बाज़ार है इत्यादि की तरह
मेरे पास यह पूंजी है इत्यादि की तरह
मेरे पास यह जीवन है इत्यादि की तरह

इतना अधिक जीने-मरने के बाद
मैं हूँ इत्यादि की तरह इस दुनिया में

</poem>