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{{KKRachna
|रचनाकार=अम्बर रंजना पाण्डेय
|अनुवादक=अम्बर रंजना पाण्डेय
|संग्रह=
}}
<poem>
पओचा पोज़ाज़िमिस्क़ी को पोलैण्ड की राष्ट्रीय कवयित्री (polska poeta polski) माना जाता है। उनका देहान्त मात्र सोलह वर्ष की आयु में छत से गिरने के बाद हो गया था। उनकी अधिकांश कविताएँ मध्यकालीन पोलिश छन्दों में है। वे अपनी कविताएँ छपवाती नहीं थी बल्कि गाती थी।
कुछ लोगों ने उन्हें रोमा कवि माना है जबकि कुछ इतिहासकारों का मानना है कि वे पोलिश थी। उनकी कविताओं में अपने समय की स्त्रियों के जीवन का आर्तनाद मिलता है।
नोबल विजेता ऑल्गा तोकारज़ुच्ख का नवीनतम उपन्यास पओचा पोज़ाज़िमिस्क़ी के मरने की कहानी को ही जासूसी उपन्यासों की शैली में कहता है।
</poem>
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पओचा पोज़ाज़िमिस्क़ी को पोलैण्ड की राष्ट्रीय कवयित्री (polska poeta polski) माना जाता है। उनका देहान्त मात्र सोलह वर्ष की आयु में छत से गिरने के बाद हो गया था। उनकी अधिकांश कविताएँ मध्यकालीन पोलिश छन्दों में है। वे अपनी कविताएँ छपवाती नहीं थी बल्कि गाती थी।
कुछ लोगों ने उन्हें रोमा कवि माना है जबकि कुछ इतिहासकारों का मानना है कि वे पोलिश थी। उनकी कविताओं में अपने समय की स्त्रियों के जीवन का आर्तनाद मिलता है।
नोबल विजेता ऑल्गा तोकारज़ुच्ख का नवीनतम उपन्यास पओचा पोज़ाज़िमिस्क़ी के मरने की कहानी को ही जासूसी उपन्यासों की शैली में कहता है।
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