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|रचनाकार=सुरजीत पातर
|अनुवादक=योजना रावत
|संग्रह=
}}
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<poem>
नहीं लिखते देती कविता आज
भीतरी आग
जलाती है पन्ने
एक-एक करके
नहीं चाहिए मुझे कविता
कहती है आग
चाहिए मुझे तेरी छाती
दहकने के लिए
</poem>
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|रचनाकार=सुरजीत पातर
|अनुवादक=योजना रावत
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नहीं लिखते देती कविता आज
भीतरी आग
जलाती है पन्ने
एक-एक करके
नहीं चाहिए मुझे कविता
कहती है आग
चाहिए मुझे तेरी छाती
दहकने के लिए
</poem>