भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

अबोध / दीपा मिश्रा

1,080 bytes added, 18:14, 19 अक्टूबर 2024
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=दीपा मिश्रा |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCat...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=दीपा मिश्रा
|अनुवादक=
|संग्रह=
}}
{{KKCatMaithiliRachna}}
<poem>
युद्धक एहि संक्रमण कालमे
जखैन माएक स्तन तकैत अबोध
ठेहुनिया दैत रुकि जाइए
चारूकात बम बारूदक धमाकासँ
पटल अपस्याँत धरती
बफारि तोड़ैत कनैये
अपनहि दशा पर
ककरो किओ किछु कहय बला नै
ककरो किओ बुझबै बला नै
अकान भेल लोक बनि गेल अछि पिशाच
एक दोसराकेँ नोंचि खाए चाहैये बस
माएक लहास पर चढ़ि ओ शिशु
पहुँच गेल अछि अपन लक्ष्य तक
नहि जानि कोना दूध
एखनो उतरि रहल छै
</poem>
Delete, Mover, Reupload, Uploader
17,194
edits