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{{KKRachna
|रचनाकार=अनामिका सिंह 'अना'
|अनुवादक=
|संग्रह=
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
अब ज़रूरी हो गया है
सोचना यह
क्यों तनाव से ग्रसित हैं
टीनएजर
बोध कम है
और अनुभव भी नदारद
हौसलों का दौर लेकिन है लबालब
कौन गतिविधि डाल देगी मुश्किलों में
बिन विचारे कर रहे ये
ख़ूब करतब
इससे पहले कि कुसंगत
रंग लाए
समझना है दोस्त बनकर
जुड़ रहे अच्छे-बुरे
अनुभव कई अब
हारमोनल ग्रंथियाँ भी हैं चरम पर
ये विषय संवाद का
समझे स्वजन कब
पोर्न साइट भी खुलें दस एक टच पर
सोच विकृत हो रही
कब और कैसे
समझने को खोजने हैं आज अवसर
दोष हम अभिभावकों का
हो न हो, है
सब बनाना चाहते हैं आई ए एस
कोई कोटा कोई एलेन में पहुँचकर
आ गए अवसाद में
अनगिन हैं नर्वस
ये अनर्गल चाहतें
अभिभावकों की
फेरतीं इन कैनवासों पर इरेजर
</poem>
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|रचनाकार=अनामिका सिंह 'अना'
|अनुवादक=
|संग्रह=
}}
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<poem>
अब ज़रूरी हो गया है
सोचना यह
क्यों तनाव से ग्रसित हैं
टीनएजर
बोध कम है
और अनुभव भी नदारद
हौसलों का दौर लेकिन है लबालब
कौन गतिविधि डाल देगी मुश्किलों में
बिन विचारे कर रहे ये
ख़ूब करतब
इससे पहले कि कुसंगत
रंग लाए
समझना है दोस्त बनकर
जुड़ रहे अच्छे-बुरे
अनुभव कई अब
हारमोनल ग्रंथियाँ भी हैं चरम पर
ये विषय संवाद का
समझे स्वजन कब
पोर्न साइट भी खुलें दस एक टच पर
सोच विकृत हो रही
कब और कैसे
समझने को खोजने हैं आज अवसर
दोष हम अभिभावकों का
हो न हो, है
सब बनाना चाहते हैं आई ए एस
कोई कोटा कोई एलेन में पहुँचकर
आ गए अवसाद में
अनगिन हैं नर्वस
ये अनर्गल चाहतें
अभिभावकों की
फेरतीं इन कैनवासों पर इरेजर
</poem>