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Added फ्राक
मन क्यों अकुलाया
एक बार झूलने को हुआ तत्पर
पर इस पल दौड़ जाने दो मुझे बाहें फैलाए
फूली फ्रोक फ्राक के घेरे के संग-संग
बचपन कि कच्ची पक्की गलियों में क्षण भर
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