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<poem>
राम करै सारे भारत म्है
सुख,शांति,ख़ुशहाली हो
सारे रहैं प्रेम प्यार तै
होळी चाहे दीवाळी हो

रात अर दिन खेत कमावैं
दाण्याँ भरी ट्राली हो
फेर दाम बी ख़ूब मिलैं
मुसकाता हर हाळी हो

ना बहू-बेटी नै मन म्है
चिंता इज़्ज़त की पाळी हो
सबनै मान-सम्मान मिले
रहै चेहरे पै लाली हो

दुख सोक सब दूर रहै
नहीं पेट कोय खाली हो
सबपै हो रोजगार करण नै
ना बैठया कोय ठाली हो

सारे तरियाँ करै तरक्क़ी
लहर कसूती चाल्ली हो
भारत हो सबतै आग्गै
सबके मन म्है आल्ली हो।
राम करै सारे भारत
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