<poem>
खाक़ ख़ाक में मिल गए हम अगर देखिए
होने पाए न उनको खबर देखिए
उन दुआओं का हम पर असर देखिए
रेगजारों रेगज़ारों में भी फूल खिल जाएँगेमुस्कुरा कर फक़त फ़क़त इक नज़र देखिए
अब लहू दिल में बाकी बाक़ी नहीं, जो बहेखोलकर, मेरा ज़ख्मेज़ख़्म-जिग़र ए-जिगर देखिए
देखकर गाल पर तिल, तड़क ही गया