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दौलत का चंद रोज़ में यूं जादू चल गया
कल तक जो आदमी था वो पत्थर में ढल गया
उसने भी आँखें फेर लीं मैं भी बदल गया
ये वो आग सारी उम्र मुझे याद रहेगीक्यों रहीइस जिस आग में तो प्यार, वफ़ा, दिल भी जल गया
अब आप आए हो मेरा अहवाल पूछने
जब थम गया तूफ़ान उबाल बुरा वक़्त टल गया
कुछ देर बाद चाँद निकल आएगा 'रक़ीब'
अब शाम होने वाली है सूरज तो ढल गया
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