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मेरा दिल जिस दिन मचलेगा, यार तुझे बहलाना होगा
मुझपे इनायत करनी होगी, और करम फ़रमाना होगा
हम तो नहीं होंगे दुनिया में, पर अपना अफसाना होगा
सुनते थे बचपन में क़िस्से, अपने दादी-दादा से अक्सर हमऐसे भी दिन आएँगे जब , धन, सुख-दुःख का पैमाना होगा
बच्चों को सुख देना है तो, फिर मेहनत भी करनी होगी
तुम हो 'रक़ीब'-ए-अहले मुहब्बत, तुमको सज़ा दी जाती है ये
साज़ पे ग़म के गीत खुशी का, अब तुम ही को गाना होगा
 
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