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<poem>
एक दिन हसीन दिलरुबा ने अपने यार से पूछा :
मुझसे एक वादा करोगे ?
उसके यार ने हँसते हुए कहा : हाँ!

दिलरुबा बोली : किसी को मत बताना ये बात
कि मेरे पेट पर एक तिल है और तुम उसे बहुत देर तक चूमा करते थे
जिन्हें तुम प्यार करो, उन्हें सब बता देना
बस ये छिपा लेना…
मैं नहीं चाहती कि तुम बताओ और वे अनजान लोग
जिनका मेरी ज़िन्दगी से कोई वास्ता नहीं
मेरे तिल से घृणा करें

कम कर सको तो सबसे प्यार करते हुए
एक अँगुली से छिपा लेना मेरा तिल
और अधिक कर सको तो किसी होम्योपैथिक दवा से
हटा देना मेरा तिल
पर मेरे तिल को विष बनाकर अपने गले में मत रखना

उसके यार ने फिर से कहा : हाँ ।

दूसरे दिन दिलरुबा ने अपने पेट को हर गली, हर चौराहे,
हर नुक्कड़ पर लटका पाया ।
</poem>
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