ज़िन्दा रहो,
अपने अंदर ज़िन्दा रहो, बाहर , भीतर भी रहो ज़िन्दा रहो, खुद को यह दुनिया के रंग-बिरंगी हैइसके चितकबरे रंगों से ख़ुद को भरो, बिन्दा ! खुद को शांति शान्ति से भरोमन अपना, खुद को देखो उम्मीद से भरो।भरा सपना ।
खुशी के साथ ज़िन्दा रहो।रहो ख़ुश रहो ।जीवन में केवल एक चीज है से भरे मानुष रहो जिसे आपको बर्बाद बरबाद नहीं करना चाहिए,जीवनसुख हैं उसका संजीवनऔर वह है निरन्तर बना रहे जीवन ही..."।
'''अँग्रेज़ी से अनुवाद : अनिल जनविजय'''