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{{KKParichay
|चित्र=Vicente Huidobro.jpg
|नाम=विसेण्टे ह्युइदोब्रो
|उपनाम= Vicente García-Huidobro Fernández
|जन्म= 10 जनवरी 1893
|जन्मस्थान=सान्त्यागो, चिली
|मृत्यु=02 जनवरी 1948, करताहेना
|कृतियाँ=आत्मा की गूँजे (1911); ’यहाँ से बाहर’ नामक गद्य-कविता तथा ’इतालवी सेना’, ’महिमा और रक्त’ तथा ’माँ स्पानिया’ जैसी लम्बी कविताएँ।
|विविध= चिली की स्पानी कविता में ’क्रिएशनिज़्म’ (सृष्टिवाद) नामक काव्य-आन्दोलन चलाया। इसके अलावा इन्होंने चिली के साहित्यिक परिदृश्य में उस समय चल रहे ’अवान्त गारदे’ (हरावल दस्ता) आन्दोलन का भी समर्थन किया। 1930 में इनकी कई लम्बी कविताएँ एक साथ प्रकाशित हुईं, जिनमें ’अगला’, ’अण्डे और अनन्त का गीत’ तथा ’अलताज़ोर’ को उल्लेखनीय माना गया। 1931 में विसेण्टे ह्युइदोब्रो ने मैड्रिड जाकर सात खण्डों वाली अपनी लम्बी कविता ’अलताज़ोर’ को एक किताब के रूप में प्रकाशित कराया। 1933 में चिली की कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्य बन गए और पराग्वे, उरुग्वे, चिली और बोलिविया को मिलाकर एक स्वतन्त्र लोकतान्त्रिक देश बनाने की अवधारणा पेश की। 1938 में इन्होंने इतालवी फ़ासीवाद के विरोध में कई लेख लिखे और ’यहाँ से बाहर’ नामक गद्य-कविता तथा ’इतालवी सेना’, ’महिमा और रक्त’ तथा ’माँ स्पानिया’ जैसी लम्बी कविताएँ लिखीं।
1939 में विसेण्ट चिली के एक अतियथार्थवादी समूह ’ला मन्द्रागोरा’ के सदस्य बन गए
|जीवनी=[[विसेण्टे ह्युइदोब्रो / परिचय]]
|अंग्रेज़ीनाम=Vicente Huidobro
|shorturl=
|gadyakosh=
|copyright=
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====कुछ प्रतिनिधि रचनाएँ====
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|चित्र=Vicente Huidobro.jpg
|नाम=विसेण्टे ह्युइदोब्रो
|उपनाम= Vicente García-Huidobro Fernández
|जन्म= 10 जनवरी 1893
|जन्मस्थान=सान्त्यागो, चिली
|मृत्यु=02 जनवरी 1948, करताहेना
|कृतियाँ=आत्मा की गूँजे (1911); ’यहाँ से बाहर’ नामक गद्य-कविता तथा ’इतालवी सेना’, ’महिमा और रक्त’ तथा ’माँ स्पानिया’ जैसी लम्बी कविताएँ।
|विविध= चिली की स्पानी कविता में ’क्रिएशनिज़्म’ (सृष्टिवाद) नामक काव्य-आन्दोलन चलाया। इसके अलावा इन्होंने चिली के साहित्यिक परिदृश्य में उस समय चल रहे ’अवान्त गारदे’ (हरावल दस्ता) आन्दोलन का भी समर्थन किया। 1930 में इनकी कई लम्बी कविताएँ एक साथ प्रकाशित हुईं, जिनमें ’अगला’, ’अण्डे और अनन्त का गीत’ तथा ’अलताज़ोर’ को उल्लेखनीय माना गया। 1931 में विसेण्टे ह्युइदोब्रो ने मैड्रिड जाकर सात खण्डों वाली अपनी लम्बी कविता ’अलताज़ोर’ को एक किताब के रूप में प्रकाशित कराया। 1933 में चिली की कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्य बन गए और पराग्वे, उरुग्वे, चिली और बोलिविया को मिलाकर एक स्वतन्त्र लोकतान्त्रिक देश बनाने की अवधारणा पेश की। 1938 में इन्होंने इतालवी फ़ासीवाद के विरोध में कई लेख लिखे और ’यहाँ से बाहर’ नामक गद्य-कविता तथा ’इतालवी सेना’, ’महिमा और रक्त’ तथा ’माँ स्पानिया’ जैसी लम्बी कविताएँ लिखीं।
1939 में विसेण्ट चिली के एक अतियथार्थवादी समूह ’ला मन्द्रागोरा’ के सदस्य बन गए
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|अंग्रेज़ीनाम=Vicente Huidobro
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