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अक्षरम द्वारा कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के पाठयक्रम से हिन्दी हटाये जाने के संदर्भ में “ विदेशी विश्वविद्यालयों में हिन्दी का भविष्य ” विषय पर एक विचार गोष्ठी का आयोजन हिन्दी भवन में किया गया जिसकी अध्यक्षता श्री हिमांशु जोशी ने की । डा॰ श्री एल एम सिंघवी और डा॰ सत्येन्द्र श्रीवास्तव कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे । डा अशोक चक्रधर, श्रीमती मधु गोस्वामी, डा रमेश गौतम, डा एम पी शर्मा, डा दिविक रमेश, डा प्रेम जनमेजय, डा हरीश नवल, डा विमलेश कांति वर्मा, श्री अनिल जनविजय, श्री विजय कुमार मल्होत्रा और डा राजेश कुमार गोष्ठी के प्रतिभागी थे । डायमंड पाकेट बुक्स वाले श्री नरेन्द्र वर्मा स्वागताध्य्क्ष थे । कार्यक्रम का संचालन श्री अनिल जोशी व श्री राजेश चेतन ने किया ।
== अंतर्राष्ट्रीय हिंदी उत्सव ==
'''''12-13-14 जनवरी 2007, नई दिल्ली
'''''
परिचय
 
अक्षरम नई दिल्ली में अंतर्राष्ट्रीय हिंदी उत्सव का आयोजन कर रही है।
अक्षरम इससे पूर्व प्रवासी हिंदी उत्सव (2006) और प्रवासी हिंदी कवि सम्मेलनों (2002-2005) का सफलतापूर्वक आयोजन कर चुकी है। इन कार्यक्रमों में देश-विदेश के साहित्यकार, बुद्धिजीवी और विद्यार्थी भाग लेते हैं।
अक्षरम के कार्यक्रम भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर), साहित्य अकादमी, नई दिल्ली, विदेश मंत्रालय, भारत सरकार आदि राष्ट्रीय संस्थाओं के सहयोग से आयोजित किए जाते हैं।
अंतर्राष्ट्रीय हिंदी उत्सव में हिंदी से जुड़े ज्वलंत मु्द्दों पर विचार-विमर्श के लिए शैक्षिक सत्र, कवि-सम्मेलन, नाटक, रचनाओं का नाट्य पाठ, साहित्यकारों से भेंट, प्रवासी हिंदी साहित्य आदि कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।
 
'''उत्सव 2007 – कार्यक्रमों का विवरण'''
 
वर्ष 2006 के उत्सव के अवसर पर चर्चा के मुख्य संभावित विषय होंगे
'''विश्व पटल पर हिंदी''' – इस सत्र में प्रमुख देशों के राजनयिकों के सान्निध्य में विश्व स्तर पर हिंदी की स्थिति का जायजा लिया जाएगा और उसके विकास के उपायों पर चर्चा की जाएगी।
 
'''हिंदी के विकास की भावी दिशाएँ''' – यहाँ भारत के विभिन्न राज्यों के प्रमुख व्यक्तियों (मुख्य मंत्री आदि) के मार्गदर्शन में भारत में हिंदी के विकास की भावी दिशाओं पर विचार-विमर्श होगा, ताकि इस दशा में ठोस कार्य किया जा सके।
 
'''कॉरपोरेट जगत और हिंदी''' – इस सत्र में कॉरपोरेट जगत के हिंदी के प्रति दृष्टिकोण और निकट भविष्य में इस क्षेत्र में होने वाली गतिविधियों पर मनन करके इस क्षेत्र में हिंदी के विकास पर प्रकाश डाला जाएगा।
 
'''हिंदी मीडिया का संसार''' – मीडिया के क्षेत्र में हिंदी भाषा कि स्थिति और भविष्य में होने वाले विकास पर इस सत्र में गहन चर्चा की जाएगी।
 
'''हिंदी और प्रौद्योगिकी''' – यह सत्र प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में हिंदी की स्थिति को समर्पित है, जिसमें इस बात की छानबीन की जाएगी कि हिंदी के और अधिक विकास में प्रौद्योगिकी का सहयोग कैसे लिया जा सकता है।
 
'''हिंदी शिक्षण''' – विदेशों में हिंदी भाषा के शिक्षण की स्थिति और इस क्षेत्र की अपेक्षाओं पर इस सत्र में विचार-विमर्श होगा, जो हिंदी शिक्षण के आधुनिक दृष्टिकोण को प्रस्तुत करेगा।
 
'''हिंदी अध्ययन और अनुसंधान''' – हिंदी के क्षेत्र में हो रहे अध्ययन और अनुसंधान तथा इन कार्यों की समस्याओं की पड़ताल इस सत्र का विषय होगा।
 
'''हिंदी साहित्य''' – इस सत्र में हिंदी साहित्य की प्रमुख विधाओं के वर्तमान विकास का परिचय दिया जाएगा और विधा के प्रमुख साहित्यकारों से उनकी रचना का वाचन और उनसे साक्षात्कार का अवसर उपलब्ध करवाया जाएगा।
 
'''प्रवासी हिंदी साहित्य''' - यह सत्र प्रवासी हिंदी साहित्य की वर्तमान प्रवृत्तियों को प्रस्तुत करेगा और प्रमुख प्रवासी हिंदी साहित्यकारों से परिचय का अवसर प्रदान करेगा।
 
'''हिंदी सेवी संस्थाएँ''' – हिंदी के विकास को गति दे रही संस्थाओं का सिलसिलेवार ब्यौरा प्रस्तुत करना इस सत्र का लक्ष्य होगा।
'''हिंदी और रोज़गार''' – हिंदी के क्षेत्र में उपलब्ध रोज़गारों और रोज़गार की समस्याओं का इस सत्र में लेखा-जोखा प्रस्तुत किया जाएगा।
 
'''कवि-सम्मेलन''' – देश-विदेश के प्रमुख कवियों और गीतकारों की ताज़ातरीन रचनाओं की प्रस्तुति।
 
'''नाटक''' – प्रतिष्ठित रंगकर्मियों द्वारा सामाजिक और व्यक्तिगत जटिलताओं की प्रभावशाली प्रस्तुति।
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हिंदी-कर्मी सम्मान''' – हिंदी के क्षेत्र में कार्यरत साधकों के कार्य को मान्यता और सम्मान।
कृपया विस्तृत जानकारी के लिए संपर्क करें-
 
संपर्कः
 
अक्षरम
 
अनिल जोशी, अध्यक्ष – 09899552099 email: anilhindi@yahoo.com
 
राजेशकुमार, संयोजक - 09810141250 email: drajeshk@yahoo.com
== प्रख्यात गीतकार श्री मधुर शास्त्री नहीं रहे ==
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