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हम चैन से बैठेंगे किसी हाल न जब तक
भारत का ये परचम वहाँ फहरा नहीं लेंगे 45आओ कुछ ऐसा करें आग नफ़रत की बुझेहम भी समझाएं इन्हें, तुम भी समझाओ उन्हें
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