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व्यस्त रहो तुम मस्त रहो
हंसती हँसती हो तो लगता है कि
गंगा मैया जारी हैं
दुनिया की ये सारी ख़ुशियाँ
ख़ुशियों की तुम नदिया हो
बिन कारन कारण न कष्ट सहो... 
फुदक फुदक कर खाओ पीओ
व्यस्त रहो तुम मस्त रहो...
 मुस्क इया मुस्कइया तुम्हरी सुन लो ना
जैसे फूल खिलन को हो
दोनो दोनों होठ सटे जैसे कि
जमुना गंग मिलन को हो
बाधाओं को ढाह चलो तुम
अपने मन की राह चलो तुम
 
टेंशन के अनगिनत किलों को
मार पैर से ध्वस्त करो...
फुदक फुदक कर खाओ पीओ
व्यस्त रहो तुम मस्त रहो...
 
खड़ी हुई तुम जहाँ सखी
वहाँ से लाइन शुरू हुई
पर्वत-सा साहस तुममे तुममें है
तुम तुरुपन की ताग सुई
चँहक रहे मन की संतूरी
स्वस्थ रहो तुम यही ज़रूरी
 
थाल सभी को बहुत परोसे
अपनी थाली फस्ट फर्स्ट करो...
lफुदक फुदक फुदक कर खाओ पीओ
व्यस्त रहो तुम मस्त रहो
सब कुछ मुट्ठी के भीतर है
जहाँ लगे ऐडजस्ट एडजस्ट करो... 
फुदक फुदक कर खाओ पीओ
व्यस्त रहो तुम मस्त रहो
 
खुद ही तुम अब डील करोगी
अपनी वाली फील करोगी
कैरेक्टर के सब प्रश्नो प्रश्नों को
मुसकाकर रीविल करोगी
समय बड़े घावों का हल है
गर हिम्मत साहस सम्बल है
 
सब सिचुएशन आलराइट है
चिल्ल अभी तुम जस्ट करो...
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