भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

Current events

3,164 bytes added, 15:00, 16 जनवरी 2007
== डा॰ हरीश नवल अंतर्राष्ट्रीय हिंदी उत्सव का षष्ठिपूर्ति समारोहसफल आयोजन ==[[चित्र:Harish20070114_2nd_Half_Session_(178).jpgJPG|left|thumb|डा॰ रामदरश मिश्र, श्री बालस्वरूप राही, श्री कन्हैयालाल नन्दन, डा॰ हरीश नवल व डा॰ स्नेह सुधाविदेश राज्य मंत्री आनंद शर्मा डा निखिल कौशिक का सम्मान करते हुये । ]]
प्रख्यात व्यंग्यकारभारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद, समीक्षक एवं हिंदीसेवी विद्वान डा॰ हरीश नवल गत् 08 जनवरी साहित्य अकादमी और अक्षरम् की ओर से आयोजित तीन दिनों के अंतर्राष्ट्रीय हिंदी उत्सव का कल समापन दिवस था।उत्सव का मुख्य कार्यक्रम फिक्की सभागार में आयोजित किया गया। प्रारंभ में इस समारोह में ब्रिटेन के प्रवासी प्रसिद्ध नेत्र चिकित्सक और फ़िल्मकार डॉ. निखिल कौशिक की फ़िल्म भविष्य – द फ़्युचर की प्रस्तुति की गई। यह फ़िल्म ब्रिटेन में चिकित्सकों की समस्याओं को साठ वर्ष उजागर करते हुए, इस संदेश के हो गए। साथ समाप्त होती है कि भारत के चिकित्सकों को भारत में ही रहकर देशवासियों की सेवा करनी चाहिए। दर्शकों और विशिष्ट अतिथियों ने इस फ़िल्म की बहुत सराहना की। फ़िल्म में कुँवर बेचैन और माया गोविंद के गीतों को बहुत खूबसूरत ढंग से फ़िल्माया गया है। जनमत चैनल की एक्ज़िक्युटिव प्रोड्यूसर ने इस अवसर पर उनका षष्ठिपूर्ति समारोह शनिवार 06 जनवरी 07 कहा कि वे विदेश में जाकर फ़िल्म कला की शिक्षा लेने की योजना बना रही थीं, लेकिन इस फ़िल्म को त्रिवेणी सभागारदेखने के बाद अब वे अपने इस निर्णय की समीक्षा करेंगी। इस अवसर पर रॉकलैंड ग्रुप के अध्यक्ष श्री राजेश श्रीवास्तव, नई दिल्ली और साधना चैनल से श्री राकेश गुप्ता भी उपस्थित थे।इसके बाद नलिनी-कमलिनी ने कथक नृत्य की प्रस्तुति की। उनको सम्मानित करने के लिए भारत में सूरीनाम के राजदूत महामहिम श्री कृष्ण बैजनाथ और पद्मश्री पं. सुरिन्दर सिंह (सिंह बंधु) उपस्थिति थे। नलिनी-कमलिनी ने अपनी प्रस्तुतियों और विशेष रूप से भज राम मन कृपालु भगवन से दर्शकों का मन मोह लिया।इसके बाद आयोजित सम्मान अर्पण समारोह में डॉ. रामदरश मिश्र (अक्षरम् शिखर सम्मान), श्री उमेश अग्निहोत्री (अक्षरम् प्रवासी हिंदी साहित्य सम्मान), डॉ. सीतेश आलोग (अक्षरम् साहित्य सम्मान), श्री श्याम त्रिपाठी (अक्षरम् प्रवासी हिंदी सेवा सम्मान), डॉ. बृजबिहारी कुमार (अक्षरम् हिंदी सेवा सम्मान), डॉ. निखिल कौशिक (प्रवासी फ़िल्मकार सम्मान), पद्मश्री डॉ. मदन लाल मधु (डॉ. लक्ष्मीमल्ल सिंघवी सम्मान) को सम्मानित किया गया।सम्मान अर्पण समारोह की अध्यक्षता डॉ. लक्ष्मीमल्ल सिंघवी ने की और इसके मुख्य अतिथि विदेश राज्य मंत्री आनंद शर्मा थे। इस अवसर पर विदेश राज्य मंत्री ने विदेश मंत्रालय की विदेशों में हिंदी प्रचार-प्रसार के प्रयासों की सूचना दी और इसके प्रति अपनी प्रतिबद्धता प्रदर्शित की। उन्होंने कहा कि इस दिशा में संसाधनों की कमी को आड़े नहीं आने दिया जाएगा। डॉ. सिंघवी ने इस अवसर पर विदेश मंत्रालय का आह्वान किया कि वे विदेशों में हिंदी के प्रति घटती रुचि पर ध्यान दे और विश्वविद्यालयों और संस्थानों के प्रयासों को सुदृढ़ करने के लिए योगदान करें।समारोह का समापन कवि-सम्मेलन से हुआ जिसमें देश-विदेश के प्रमुख कवियों ने भाग लिया। इनमें मुख्य थे – (विदेश से) सत्येंद्र श्रीवास्तव, मदनलाल मधु, श्याम त्रिपाठी, सुधा ढींगरा, पद्मेश गुप्त, निखिल कौशिक, शैल अग्रवाल, और (देश से) कैलाश वाजपेयी, बालस्वरूप राही, सोम ठाकुर, मुनव्वर राणा, अनिल जोशी, नरेश शांडिल्य, गजेंद्र सोलंकी, राजेश चेतन, सरिता शर्मा, लक्ष्मीशंकर वाजपेयी, शशिकांत आदि।
कार्यक्रम का शुभारम्भ अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कबीर-गायक ‘भारती बन्धु’ के गायन से हुआ। उनके तीन भजनों ने भक्ति और चिन्तन का समां बांध दिया। तत्पश्चात डा॰ हरीश नवल के रचनाकर्म और व्यक्तित्व पर आधारित ग्रन्थ ‘परसाई परम्परा के वाहक’ का लोकार्पण हुआ। ग्रंथ के प्रधान सम्पादक यशस्त्री पत्रकार-कवि डा॰ कन्हैया लाल नंदन है तथा सम्पादन प्रखर कवयित्री डा॰ स्नेह सुधा और युवा प्रतिभा सुश्री आस्था नवल ने किया है। ग्रंथ में देश के जाने माने 60 अद्येयताओं के आलेख हैं । ग्रंथ तथा डा॰ नवल के संदर्भ में सर्वश्री रामदरश मिश्र, देवेन्द्र इस्सर, कन्हैयालाल नन्दन, बालस्वरूप राही, डा॰ स्नेह सुधा और सुश्री आस्था नवल ने अपने उदगार व्यक्त किए।
 
खचाखच भरे सभागार में कार्यक्रम के अंतिम चरण तक श्रोता भावमुग्ध उपस्थित रहे। इस चरण में नाट्यदल ‘अस्मिता’ के तत्वावधान में विख्यात रंगकर्मी श्री अरविंद गौड़ के निर्देशन में डा॰ नवल की एक व्यंग्य कथा, ‘पीली छत पर काला निशान’ का मंचन किया गया। ‘शब्द-सेतु’, ‘उदभव’ और ‘व्यंग्य-यात्रा’ द्वारा आयोजित इस समारोह का संचालन प्रख्यात व्यंग्यकार डा॰ प्रेम जनमेजय और युवा कवि श्री विवेक गौतम द्वारा किया गया।
 
उल्लेखनीय है कि इस समारोह मे राजधानी के अनेक वरिष्ठ, युवा एवं नवोदित साहित्यकर्मी भारी संख्या में मौजूद थे।
== Koreans invade DU Hindi class ==
Anonymous user