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|रचनाकार=एलैन कान
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<poem>
दिन के बीचों बीच
मैं लिप्त रहना पसन्द करती हूँ

हम ईमानदार रहने की कोशिश कर रहे हैं
लेकिन सब जानते हैं कि यह सम्भव नहीं है

मेरी आँखें
तुम्हारी आँखों के लाल हैंगओवर में

प्रेयस, इसके सिवा कुछ भी नहीं
जो तुम चाह सको ।

'''मूल अँग्रेज़ी से अनुवाद : देवेश पथ सारिया'''
</poem>
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