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तुम्हें ऐ दोस्तो / चरण जीत चरण

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<poem>
ख़ैर तूने जो कहा अब और कुछ
ठीक है चल हो चुका अब और कुछ

लो मुबारक़ हो तुम्हें ऐ दोस्तो
हो गए दोनों जुदा अब और कुछ

मर्ज़ ये वो है नहीं जिसकी दवा
हाँ कोई बोला तो था अब और कुछ

जब ये लगता था कि अब कोई नहीं
अक्स था दिल में तेरा अब और कुछ

उम्रभर की टेंशन से बच गया
कश लगा ग़म को उड़ा अब और कुछ
</poem>
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