भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
|रचनाकार=शैल चतुर्वेदी
|संग्रह=चल गई / शैल चतुर्वेदी
}}<poem>
प्रदर्शनी में
एक तम्बू के सामने
जोकर बोला - "बाहर क्यों खड़े हैं आप
भीतर देखिए बीस फुट लम्बा साँपसांप
तोता गाता है
फ़िल्मी गाना
बीस फुट लंबा सांप देखिये
और साथ में
बीस बच्चे बच्चों वाला बाप देखिये।"