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Kavita Kosh से
बाकी सब तो नकटे हैं
जब हमारे बाप जेल में थे
तो तुम वहीं थे न
जेलर तुम्ही थे न
नब्ज़ पहचानती हूँ
अच्छे, अच्छों की
खूब चुप रही, अब बताऊँगी
देखती हूँ कौन रोकता है
वर्षगांठ अप्रेल में
मनाऊँगी, मनाऊँगी
ज़रूर-ज़रूर मनाऊँगी।