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नया पृष्ठ: '''लेखन वर्ष: २००२'''<br/><br/> जब भी तेरा नाम याद आयेगा<br/> मेरी किताबों में ...
'''लेखन वर्ष: २००२'''<br/><br/>
जब भी तेरा नाम याद आयेगा<br/>
मेरी किताबों में पाया जायेगा<br/><br/>

रातें गुज़रे अगस्त की रातें<br/>
वो चाँद कब लौट के आयेगा<br/><br/>

वो फ़रवरी की धूप देखी नहीं<br/>
बसंत शाखों पे कैसे आयेगा<br/><br/>

ख़ुशज़बाँ बिना ख़ुशी परायी है<br/>
ग़मज़दा हो के जिया जायेगा<br/><br/>

तारीखों की तारीक़ में चाँद गुम<br/>
रोशनी कौन कैसे उगायेगा<br/><br/>

जब भी पढ़ा ग़ज़ल को आँखों ने<br/>
चेहरा तेरा झिलमिलायेगा<br/><br/>

ख़ुशबू तेरी इक-इक हर्फ़ में<br/>
हर अस्लूब निभाया जायेगा<br/><br/>

क़यामत की रात जब आयेगी<br/>
ज़ुबाँ पर तेरा नाम आयेगा<br/><br/>

‘नज़र’ की ख़ाहिश तुम शीना<br/>
तुम्हें न पाया तो क्या पायेगा<br/><br/>

'''''अस्लूब''': नियम या शैली''