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जीवन की अंधियारी रात हो उजारी!
:धरती पर धरो चरणरात हो उजारी!
धरती पर धरो चरण :तिमिर-तम हारी
परम व्योमचारी!
:चरण धरो, दीपंकर,
:जाए कट तिमिर-पाश!
दिशि-दिशि में चरण धूलि
आओ, नक्षत्र-पुरुष,
:गगन-वन-विहारी
परम व्योमचारी!