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यह न सोचो कल क्या हो<br>कौन कहे इस पल क्या हो<br><br>[[category: ग़ज़ल]]
रोओ मत, न रोने दो<brpoem>ऐसी भी जल-थल यह न सोचो कल क्या होकौन कहे इस पल क्या हो<br><br>
बहती नदी की बांधे बांध<br>रोओ मत, न रोने दोचुल्लू मे हलचल ऐसी भी जल-थल क्या हो<br><br>
हर छन हो जब आस बना<br>बहती नदी की बांधे बांधहर छन फ़िर निर्बल चुल्लू मे हलचल क्या हो<br><br>
रात ही गर चुपचाप मिले<br>हर छन हो जब आस बनासुबह हर छन फ़िर चंचल निर्बल क्या हो<br><br>
रात ही गर चुपचाप मिलेसुबह फ़िर चंचल क्या हो आज ही आज की कहें-सुने<br>क्यो सोचे कल, कल क्या हो<br><br>