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[[Category:ग़ज़ल]]
</poem>*दिल लिया है हमसे जिसने दिल्लगी के वास्तेक्या तआज्जुब है जो तफ़रीहन हमारी जान ले*शेख़ जी घर से न निकले और लिख कर दे दियाआप बी०ए० पास हैं तो बन्दा बीवी पास है
*
तमाशा देखिये बिजली का मग़रिब और मशरिक़ में
*
कर दिया कर्ज़न ने ज़न मर्दों की सूरत देखिये
आबरू चेहरों की सब ,फ़ैशन बना कर पोंछ ली
*
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